हम सभी लोग फिल्में देखना पसंद करते है। मुझे खुद को फिल्में देखना काफी ज्यादा पसंद है। जब भी हम फिल्म देखते है। तो कभी ना कभी हमारे दिमाग में एक सवाल आता है। वह सवाल यह है की आखिर यह फिल्मे पैसे कैसे कमाती है। इससे भी बड़ा यह सवाल आता है कि यह फिल्मे कैसे बनती है।
इन फिल्मों को कौन लोग बनाते है। जो हम सुनते है की यह फिल्म हिट हो गयी या यह फिल्म फ्लॉप हो गयी। तो इसका फायदा और नुकसान यह सब किसे होता है। तो यह सभी सवाल अगर आपके मन में आते है। तो आज इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ते रहे। हम इन्ही सब सवालों का जवाब आपको इस आर्टिकल में देने वाले है।
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फिल्में कौन बनाते है
फिल्में पैसे कैसे कमाती है। इसे जानने से पहले आपको यह समझना होगा। फिल्में असल में बनाता कौन है। जो लोग फिल्मे बनाते है वही लोग पैसे कमाते है। तो एक फिल्म को उस फिल्म के producers बनाते है। जब आप कोई मूवी देखते है। तो शुरू में आपको दिखाई देता है की इस फिल्म को इन्होने produce किया है।
तो producer का काम होता है एक फिल्म में पैसे इन्वेस्ट करने का। हम यह भी कह सकते है की बिना producer के फिल्म शुरू ही नहीं हो सकती है। तो यहाँ आपको समज में आया होगा की फिल्म producer बनाते है। अब आप सोच रहे होंगे की producer अपने पैसे फिल्मों में किउ इन्वेस्ट करते है।
आप यह कह सकते है की film producer एक तरह से businessman होते है। तो कोई भी businessman पैसों को इन्वेस्ट किउ करता है। businessman पैसे इन्वेस्ट तभी करता है। जब उसे उस investment पर प्रॉफिट मिले। इसी तरह से फिल्म बनाने वाले producer भी फिल्म पर पैसे प्रॉफिट कमाने के लिए लगाते है।
फिल्म बनाने के लिए लाखों में नहीं बल्की करोड़ों में पैसे खर्च होते है। आप सोच रहे होंगे की फिल्म बनाने के लिए इतने पैसों की जरूरत कैसे पड़ती है। तो आपको यह समझना होगा की producer फिल्म में पैसे कहा खर्च करते है। देखिये एक फिल्म को बनाने के लिए सिर्फ एक producer काम नहीं करता है।
फिल्म बनाना यह काम एक टीमवर्क होता है। फिल्म में producer के साथ साथ actors, directors और भी काफी लोग होते है। तो हर एक को producer पैसे देते है। इसके अलावा producer के पैसे script, cast, actors, director, camera crew, location, food और clothes इन सब जगह पर producer को करोड़ों में पैसे खर्च करने पड़ते है।
इसके अलावा भी जब shoot पूरा हो जाता है। तब फिल्म के post production में producer को पैसे खर्चा करने होते है। post production में editing, vfx, special effects यह सब आता है। इसमें भी करोड़ों में producer को पैसे खर्च करने पड़ते है। अब इतने पैसो में फिल्म बन चुकी है।
जब फिल्म बनकर तैयार होती है। तब उसे release करने का खर्चा भी एक producer को ही करना पड़ता है। जो बाकि लोग है उनका काम सिर्फ फिल्म बनने तक का होता है। पर producer को फिल्म बनने के बाद भी उसके release के बारेमे सोचना पड़ता है। फिल्म की release, distribution और promotion में भी producer को खर्चा करना पड़ता है।
Producer पैसे कैसे कमाते है
जब फिल्म बनकर ख़तम होती है। तब उसे जब release किया जाता है। तब फिल्म producer पैसे कमाते है। तब तक फिल्म producer अपने फिल्म पर पैसे लगाते है। कोई अगर पॉपुलर फिल्म release होती है। तो उसके theatrical right और ott rights producers फिल्म रिलीज़ होने के पहले ही बेच देते है।
पर यह तभी होता है जब उस फिल्म की हाइप काफी ज्यादा होती है। या फिल्म में कोई बड़ा actor काम कर रहा है। पर अगर कोई normal actors की फिल्म है। जिसका बजट ज्यादा नहीं है। तो इन फिल्म के राइट्स ज्यादातर एडवांस नहीं बिकते है। तो इस केस में producers फिल्म release के बाद ही पैसे कमाते है।
फिल्म कहा से पैसे कमाती है
- theatrical rights
किसी भी फिल्म के लिए theatrical business सबसे ज्यादा जरूरी होता है। जबफिल्म रिलीज़ होती है। तो जब आप उसे सिनेमा घर में जाकर देखते है। तो आप टिकट खरीदते है। तो इस टिकट में से कुछ परसेंटेज हिस्सा producer को मिलता है। कुछ लोगों को यह भी लगता है की जितने का हम टिकट खरीदते है।
तो यह पुरे पैसे producers को मिलते है। पर असल में यैसा बिलकुल नहीं होता है। जब आप 100 रुपये का कोई फिल्म का टिकट खरीदते है। तो इसमे से सबसे पहले टैक्स कट होता है। अब यह टैक्स हर एक राज्य के हिसाब से अलग अलग होता है। जो फिल्म ने 100 रुपये का टिकट बेचा उसे हम gross collection कहते है।
इसमें से टैक्स कट होने के बाद जो पैसे बचते है। उसे हम nett collection कहते है। तो यहाँ हम example के लिए 100 रुपये फिल्म टिकट है। जिसमे से 20 रुपये tax कट हो गया। अब बचे 80 रुपये इसे हम nett collection कहते है। अब इसमें से 50 परसेंटेज शेयर जिस सिनेमा घर में आपने मूवी देखि है।
तो वह सिनेमा घर वाला 50 परसेंटेज शेयर लेता है। तो 80 रुपये nett में से 40 रुपये सिनेमा घर वाले ने रख लिए है। तो अब producer का शेयर बचा है बाकि का 50 परसेंटेज मतलब की 40 रुपये। यह 40 रुपये फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाते है। इसमें से अब कुछ परसेंटेज फिल्म का डिस्ट्रीब्यूटर रखता है।
इसमें अलग अलग तरह से फिल्म प्रोडूसर डिस्ट्रीब्यूटर से डील करता है। तो आखिर में जो शेयर बचता है वह फिल्म के producer का होता है। तो इस तरह से एक producer अपने फिल्म से theater की मदत से पैसे कमाता है। आप जो सुनते है की इस फिल्म के box office पर इतने पैसे कमाए है। तो यह सब बाते theatrical business की ही होती है।
- music rights
एक फिल्म producer अपने फिल्म के गानें बेचकर भी पैसे कमाते है। जैसे आप देखते है की फिल्मों में गानें होते है। तो उसके राइट्स producer किसी music label को बेच देता है। इससे भी producer की कमाई होती है।
- ott rights
जब फिल्म box office पर release होती है। इसके 1 या 2 महीने बाद आपको फिल्म ott apps पर देखने को मिलती है। तो producer अपने फिल्म के ott rights भी अच्छी किंमत में बेचता है। ott rights की किंमत डिपेंड करती है की आपकी फिल्म box office पर कैसा परफॉर्म करती है।
अगर आपकी फिल्म box office पर यानि सिनेमा घर में अच्छा business करती है। तो इसके ott rights भी ज्यादा किंमत पर बिकते है। आज के समय में लोग ott पर भी कंटेंट देखना पसंद करते है। तो film producers के लिए यह भी एक कमाई का अच्छा जरिया बनता है।
- satellite rights
फिल्म जब रिलीज़ होती है। तो इसके कुछ महीने के बाद आपको फिल्म tv पर देखने को मिलती है। तो यहाँ producer फिल्म के satellite rights उस चैनल को बेच देते है। यहाँ आप सोच रहे होंगे की यह कंपनियां फिल्म के ott और satellite rights इतने महंगे में किउ लेती है।
तो इसका जवाब है की यह ott apps भी अपना बिज़नेस कर रहे है। जैसे वह फिल्म के राइट्स खरीदकर उसे अपने प्लेफॉर्म पर लाते है। तो इसके बाद इनके subscription लोग लेते है। तो इस तरह से यह ott apps भी अपने पैसे रिकवर करते है। इसी तरह से TV चैनल भी फिल्म के बिच में एड्स को दिखाकर अपने पैसे रिकवर करते है।
फिल्म कब हिट और फ्लॉप होती है
फिल्म रिलीज़ होने के बाद आप सुनते होंगे। यह फिल्म hit हो चुकी है या यह film flop हो चुकी है। तो इसका मतलब क्या है। तो जब producer एक फिल्म बनाते है। तो इसका एक बजट होता है। इसे हम फिल्म बजट कहते है। इसमें producer फिल्म बनाने में जितने पैसे भी खर्च करता है।
तो यह सब फिल्म के बजट में आता है। इसके अलावा फिल्म के प्रमोशन में जो पैसे खर्च किये जाते है। वह भी फिल्म के बजट में ही आते है। तो जब फिल्म box office पर release की जाती है। तो अगर वह अपने budget को recover करती है। तो उसे हम hit कहते है जब वह अपने बजट से कम पैसे कमाती है।
तो उसे हम flop कहते है। जैसे एक फिल्म का बजट 30 करोड़ है। तो अगर फिल्म 30 करोड़ से ज्यादा पैसे कमाती है। तो इसे hit कहा जाता है। जब फिल्म अपने बजट से काफी ज्यादा कमाती है। तो उसे super hit कहा जाता है। जब फिल्म अपने बजट से 2X बिज़नेस करती है। तो उसे हम blockbuster कहते है।
जब फिल्म अपने बजट को recover करने में असफल बनती है। तो इसे flop फिल्म कहा जाता है। कोई फिल्म अगर अपने बजट के नजदीक का कलेक्शन करती है। तो इसे average फिल्म कहा जाता है। इस तरह से फिल्म का बिज़नेस काम करता है। अभी आप देख रहे होंगे की जितनी भी फिल्म रिलीज़ हो रही है ज्यादातर flop ही हो रही है।
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